नई दिल्ली (वीएनएस)। गुवाहाटी टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका ने भारत के सामने 549 रन का लक्ष्य रखा है। भारत के सामने टेस्ट क्रिकेट में दूसरी बार 500+ रन का लक्ष्य रखा है। इससे पहले यह मौका 2004 में नागपुर में आया था, जब ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने 543 रन का लक्ष्य रखा था। उस मुकाबले में भारत को 342 रन से हार मिली थी, जो आज भी टीम इंडिया की रनों के लिहाज से सबसे बड़ी हार है। अब एक बार फिर वही स्थिति है और भारतीय टीम के सामने लक्ष्य बड़ा है, पिच चुनौतीपूर्ण है और इतिहास भारत के पक्ष में नहीं।
549 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने अपनी दूसरी पारी में दो विकेट पर 27 रन बना लिए हैं। जीत के लिए उसे अभी भी 522 रन बनाने हैं। बुधवार को 90 ओवर का खेल तय करेगा कि भारत मैच में वापसी कर सकता है या नहीं। हालांकि, आज तक कभी आखिरी दिन इतना लक्ष्य किसी टीम ने हासिल नहीं किया है। भारत के सामने मैच को ड्रॉ कराने का विकल्प होगा। मैच को ड्रॉ कराने पर भी भारत दो टेस्ट मैचों की यह सीरीज हार जाएगा, क्योंकि कोलकाता टेस्ट दक्षिण अफ्रीका ने जीता था। ऐसे में भारत के सामने जीत ही इस सीरीज को बचाने का एकमात्र विकल्प है। क्या भारत असंभव सी कहानी लिख पाएगा? यह तो कल 90 का खेल ही बताएगा।
टेस्ट मैच के आखिरी दिन 500+ रन, असंभव?
टेस्ट इतिहास में केवल एक बार ही किसी टीम ने मैच के पांचवें दिन 400 से अधिक रन बनाए। 1948 में हेडिंग्ले में ऑस्ट्रेलिया (ब्रैडमैन की अजेय टीम) ने इंग्लैंड के विरुद्ध 404/3 का स्कोर बनाया था, जो टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में 400 से अधिक रनों का पीछा करने का पहला सफल प्रयास था। हालांकि, भारत के सामने लक्ष्य इससे भी ज्यादा है। भारत को दूसरी पारी में दो झटके केएल राहुल (6) और यशस्वी जायसवाल (13) के रूप में लगे। फिलहाल कुलदीप यादव और साई सुदर्शन नाबाद हैं।
21वीं सदी में सिर्फ एक बार बचाया है ऐसा मैच
भारत ने 21वीं सदी में चौथी पारी में 100+ ओवर सिर्फ एक बार बल्लेबाजी की है और वह भी सिडनी 2021 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ। उस ऐतिहासिक मुकाबले में भारत ने 131 ओवर बैटिंग की थी और मैच ड्रॉ कराया था। यह वही मैच है, जहां ऋषभ पंत, अश्विन-हनुमा और पुजारा ने जज्बा दिखाया था। इसलिए यह करिश्मा नामुमकिन नहीं, पर आसान भी नहीं। क्योंकि भारत के पास पुजारा और हनुमा जैसा धैर्य से खेलने वाला बल्लेबाज नहीं है। चौथे दिन अपनी दूसरी पारी में भारत ने 15.5 ओवर बल्लेबाजी कर ली है और पांचवें उसे 90 ओवर खेलना होगा। यानी 95.5 ओवर। भारत पहले भी घर पर कई बार चौथी पारी में इतने ओवर बल्लेबाजी कर चुका है। 2008 में तो टीम को जीत भी मिली थी।
एशिया में चौथी पारी में बड़ी चेज, इतिहास क्या कहता है?
अब तक एशिया में कोई भी टीम 400+ लक्ष्य का पीछा करके टेस्ट मैच नहीं जीत पाई है। एशिया में सबसे बड़ा सफल चेज वेस्टइंडीज के नाम है। उसने 2021 में चटगांव में सात विकेट गंवाकर 395 रन का लक्ष्य हासिल किया था। वहीं, भारत में सबसे बड़ा सफल चेज 387 रन का है, जो भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ 2008 में हासिल किया था (चार विकेट गंवाकर)। इसलिए अगर भारत यह मैच जीतता है, तो यह इतिहास बदलने वाला पल होगा।
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