रायपुर (वीएनएस)। पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की 61.20 करोड़ रुपये की संपत्ति ED ने कुर्क कर दी है। जब्त संपत्तियों में 384 प्लॉट जिसकी कीमत 59.96 करोड़ रुपये और 1.24 करोड़ रुपये बैंक बैलेंस शामिल हैं। गुरुवार को ED ने प्रेस रिलीज कर इसकी जानकारी दी।
ईडी ने बताया कि, रायपुर क्षेत्रीय कार्यालय ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की चल रही जाँच के संबंध में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत 10/11/2025 को चैतन्य बघेल की 61.20 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति अस्थायी रूप से कुर्क की है। कुर्क की गई संपत्तियों में 364 आवासीय भूखंडों और कृषि भूमि के रूप में 59.96 करोड़ रुपये मूल्य की अचल संपत्तियाँ शामिल हैं. इसके साथ ही बैंक बैलेंस और FD के रूप में 1.24 करोड़ रुपये मूल्य की चल संपत्तियाँ भी शामिल हैं।
2500 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप
ईडी ने छत्तीसगढ़ राज्य में शराब घोटाले में आईपीसी, 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत एसीबी/ईओडब्ल्यू, रायपुर, छत्तीसगढ़ द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर जाँच शुरू की। पुलिस जाँच से पता चला है कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और अनुसूचित अपराधों से अर्जित 2500 करोड़ रुपये से अधिक की अपराध आय (पीओसी) से लाभार्थियों की जेबें भरी गईं। पीएमएलए के तहत की गई जाँच से पता चला है कि भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल शराब सिंडिकेट के शीर्ष पर तैनात थे।
सीएम के बेटे होने का उठाया फायदा
मुख्यमंत्री के पुत्र होने के नाते, उन्हें शराब सिंडिकेट का नियंत्रक और अंतिम अधिकारी बनाया गया था। वह सिंडिकेट द्वारा एकत्र की गई सभी अवैध धनराशि का "हिसाब" (हिसाब) बनाए रखने के लिए ज़िम्मेदार थे। ऐसी धनराशि (पीओसी) के संग्रह, चैनलाइज़ेशन और वितरण से संबंधित सभी बड़े फैसले उनके निर्देशों के तहत लिए जाते थे।ईडी की जाँच से यह भी पता चला कि वह पीओसी के प्राप्तकर्ता थे, जिसे उन्होंने अपने रियल एस्टेट व्यवसाय के माध्यम से बढ़ाया और बेदाग संपत्ति के रूप में पेश किया। चैतन्य बघेल ने शराब घोटाले से प्राप्त पीओसी का उपयोग अपनी स्वामित्व वाली कंपनी मेसर्स बघेल डेवलपर्स के तहत अपनी रियल एस्टेट परियोजना "विट्ठल ग्रीन" के विकास के लिए किया। चैतन्य बघेल को ईडी ने 18.07.2025 को गिरफ्तार किया था और वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं।
इनकी सम्पत्तियां भी की जा चुकी हैं कुर्क
इससे पहले, इस मामले में अनिल टुटेजा (पूर्व आईएएस), अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर, अरुण पति त्रिपाठी (आईटीएस) और कवासी लखमा (विधायक और छत्तीसगढ़ के तत्कालीन आबकारी मंत्री) को ईडी ने गिरफ्तार किया था। यह बताना उचित होगा कि 61.20 करोड़ रुपये की वर्तमान कुर्की, लगभग 215 करोड़ रुपये मूल्य की अचल संपत्तियों की पूर्व में की गई कुर्की का ही एक हिस्सा है। आगे की जाँच जारी है।
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