रायपुर (वीएनएस)। उपाध्याय भगवंत द्वय आध्यात्म योगी महेन्द्र सागर व युवा मनीषी मनीष सागर की निश्रा में मौन साधना शिविर का आयोजन 9 से 16 अक्टूबर तक कैवल्यधाम तीर्थ, कुम्हारी में किया जा रहा है। आठ दिवसीय मौन शिविर में भाग लेने देशभर से दर्जनों साधक आ रहे हैं।
उपाध्याय भगवंत के मुताबिक शिविर में संसार से दूर रहकर खुद से जुड़ने की साधना की जायेगी। इससे व्यक्ति अंतर्मुखी बनेगा और स्वयं की खोज करेगा। अपनों से अपनी बात बोल सकेगा।
जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक समाज एवं चातुर्मास समिति, विवेकानंद नगर के अध्यक्ष श्यामसुंदर बैदमुथा ने बताया कि मौन शिविर में सम्यक आचार का पालन/ अणुव्रत पालन, सत्य, अहिंसा, अचौर्य, ब्रह्मचर्य एवं अपरिग्रह का समीकरण बनाए रखना है। भावपूर्वक परमात्म भक्ति, सामायिक प्रतिक्रमण आदि का पालन होगा। साधक पूरे शिविर के दौरान संकेत व लिखावट आदि के जरिये अपनी भावनाओं को प्रकट कर सकेंगे। केवल गुरु भगवंत एवं सेवाप्रिय कार्यकर्ता से आवश्यक विषय पर बात कर सकते हैं। सुबह 4 बजे जागरण से लेकर रात 9 बजे तक ज्ञान एवं स्वाध्याय की साधना होगी। दिन में लगभग 10 घंटे ध्यान का अभ्यास होगा।
प्रचार प्रमुख चंद्रप्रकाश ललवानी ने बताया कि साधक को निर्धारित स्थान और आसन पर ध्यान करना है। भोजन जैन पद्धति पर आधारित शुद्ध शाकाहारी और सादगीपूर्ण रहेगा। बाहर से लाया हुआ भोजन, नाश्ता आदि पूर्ण वर्जित है। केवल दवाइयों का उपयोग कर सकते हैं। शिविर में मोबाइल जमा करना होगा। साधना के दौरान निर्धारित विषयों से भिन्न दूसरी कोई साधना नहीं करनी है। पुरुष और महिला साधकों का क्षेत्र अलग-अलग है। साधक को निर्धारित कमरा दिया जाएगा। उसी में रहना है और स्वच्छता बनाए रखना है। सामग्री को व्यवस्थित रखने एवं नियम पूर्वक रहना आवश्यक है। परिसर या परिसर से बाहर घूमने या टहलना निषिद्ध है। सभी साधकों को हल्के रंग के विशेष रूप से सफेद वस्त्र धारण करना है। साधक को सामायिक वस्त्र, अलार्म घड़ी, उबला हुआ पानी रखने की बोतल भी साथ में रखना है।
मौन शिविर की निर्धारित समयसारिणी में सुबह 4 से 5 बजे ध्यान होगा। 5 से 6 बजे तक राई प्रतिक्रमण और ध्यान होगा। 6 से 7:30 बजे शारीरिक कार्य व प्रभु दर्शन एवं पूजन होगा। 7:30 से 8:30 बजे नवकारसी व बियासना होगा। 8:30 से 10:00 बजे ध्यान व स्वाध्याय, 10:30 से 12:00 बजे ध्यान। 11:30 से 12 बजे व्यक्तिगत का शंका समाधान। 12 से 1:30 बजे भोजन, बियासना, एकासना, 1:30 बजे से 2:30 बजे तक विश्राम। 2:30 बजे से 4 बजे तक ध्यान व स्वाध्याय। शाम 4 से 5 बजे भोजन व ध्यान। 5 से 5:30 बजे व्यक्तिगत शंका समाधान। साढे 5 से 6 बजे तक विश्राम। 6 से 7:30 बजे तक देवासी प्रतिक्रमण व ध्यान। 7:30 से 9 बजे ध्यान एवं 9 बजे विश्राम एवं पूर्ण मौन होगा।
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