सूरजपुर (वीएनएस)। कलेक्टर एस. जयवर्धन के निर्देश पर एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी रमेश कुमार साहू के मार्गदर्शन में अक्षय तृतीया के दिन पुरा जिला प्रशासन एसडीएम, थाना प्रभारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, जिला बाल संरक्षण इकाई, सरपंचों की सक्रियता से जिला में एक भी बाल विवाह नहीं हुआ। विकासखंड रामानुजनगर के ग्राम पंचायत सरईपारा में विगत वर्षाे में कई बाल विवाह होने की सूचना प्राप्त होती रही है। वर्ष 2024 में 4 बाल विवाह एवं वर्ष 2025 में 1 बाल विवाह परिजनों व ग्राम वासियों को समझाइश देकर जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल के नेतृत्व में रोका गया। वर्ष 2025 में ग्राम पंचायत सरईपारा को विशेष रूप से ध्यान में रखते हुए जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल द्वारा बाल विवाह की पूर्णतः रोकथाम के लिए जन-जागरूकता अभियान चलाते हुए ग्राम पंचायत एवं स्कूलों में जागरूकता शिविरों का आयोजन किया गया तथा ग्राम पंचायत की ग्राम सभा में भी बाल विवाह पर विस्तृत जानकारी दी गयी। जिसके कारण इस वर्ष मात्र एक बाल विवाह की शिकायत प्राप्त हुआ था।
जिससे जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल के नेतृत्व में रोका गया है। बाल विवाह रोकने के दौरान ग्राम पंचायत के सरपंच, सह अध्यक्ष, ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति के द्वारा घोषणा किया गया कि ग्राम पंचायत के किसी भी बालक/बालिका का विवाह वैवाहिक आयु बालिका 18 वर्ष एवं बालक 21 वर्ष पूर्ण करने के पश्चात किया जाएगा। उसे ग्राम पंचायत सरपंच सह अध्यक्ष ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति के द्वारा 2000 (दो हजार रूपये) की सहायता राशि प्रदान किया जाएगा।
इस अनुक्रम में ग्राम पंचायत की बालिका गीता पिता स्व. चंपा राम कुर्रे के वैवाहिक कार्यक्रम के दौरान ग्राम पंचायत सरपंच सह अध्यक्ष ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति विजय सिंह के द्वारा विपिन चौधरी उप सरपंच, राजेश कुर्रे पूर्व जनपद पंचायत सदस्य, जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल, पर्यवेक्षक मानकुवर घुर्वे, जैनेन्द्र दुबे परामर्शदाता एवं चाइल्ड लाइन टीम मेंबर रमेश साहू एवं ग्रामीण जनों की उपस्थिति में अपने घोषणा के अनुसार 2000 रुपये की सहायता राशि गीता के परिजनों को प्रदान किया गया।
इस दौरान सरपंच विजय सिंह द्वारा यह भी घोषणा किया गया कि 10 वीं के छात्र/छात्राओं द्वारा 85 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने पर 10000 (दस हजार रुपये) की सहायता राशि प्रदान करने की घोषणा भी किया गया। गांव मे बाल विवाह नही होने देने की बात कही। इस दौरान जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल द्वारा उपस्थित ग्रामीण जनों को बाल-विवाह के दुष्परिणामों की विस्तृत जानकारी दी गयी। जायसवाल ने ग्रामीणों को बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग केवल विवाह रोकता ही नहीं विवाह कराता भी है गरीब लड़
आपके गांव में होने वाले सही उम्र के बच्चियो का पंजीयन पर्यवेक्षक के पास कराये और इस योजना का लाभ उठायें। बाल विवाह मुक्त सूरजपुर बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ एवं बाल विवाह मुक्त भारत बनाने में विभाग का सहयोग करे। सरपंच विजय सिंह के द्वारा बाल विवाह के रोकथाम के किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल के वक्तव्य से प्रभावित होकर ग्राम वासियों ने बाल विवाह नही करने का संकल्प लिया। ग्राम के बालिकाओं के हर संभव मदद का आश्वासन दिया व ग्राम को गोद लेने की घोषणा की । उप सरपंच विपिन चौधरी एवं पूर्व जनपद सदस्य राजेश कुर्रे द्वारा भी बाल विवाह रोकथाम के संबंध में उद्बोधन दिया गया।
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